प्यार-इश्क-मोहब्बत:
ये इश्वरी अहसास, जिसके भी रहे पास
वो ख़ास है भई ख़ास, दुनियां में है वो ख़ास
इसमें जो रंगा है, उसे दुनिया लगे जन्नत
है फीकी इसके आगे, हर न्यामत हरेक मन्नत
नुकसान-फायदा हो, या हो कोई भी मसला
ना चाहे वो धन-माल, ना ही चाहता असला
वो चाहता जिसे, उसे बस उसकी है तलाश
वो ख़ास है भई ख़ास, दुनियां में है वो ख़ास........
ग़मगीन जिंदगी हो, उसका खिला रहे मन
दुःख का पहाड़ टूटे, रहे फूल जैसा तन
हर तरफ खुशहाली दिखे, हर शय लगे प्यारी
प्यारे सभी चेहरे दिखें, दुनियां दिखे न्यारी
बोझिल बनी जो ज़िन्दगी, वो आ रही अब रास
वो ख़ास है भई ख़ास, दुनियां में है वो ख़ास........
ये इश्वरी अहसास, जिसके भी रहे पास
काली-कलूटी शक्ल, उसे लगे परी सी
खोटी हो उसकी अक्ल, उसे लगे खरी सी
बेकार सी बातों में उसकी, रस बड़ा आये
वो भाव उसको दे रहा, जो भाव वो खाए
बेशर्म-बेहया से है, वफ़ा की उसे आस
वो ख़ास है भई ख़ास, दुनियां में है वो ख़ास........
ये इश्वरी अहसास, जिसके भी रहे पास
वो ख़ास है भई ख़ास, दुनियां में है वो ख़ास
(कवि अशोक कश्यप)
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