दोस्तों कल दिनांक 26.04.2012 राष्ट्रिय समाचार पत्र 'महामेधा ' में मेरी कविता 'कोई है' प्रकाशित हुई थी। ये समाचार पत्र सभी हिंदी भाषी राज्यों से रोज़ प्रकाशित होता है.....धन्यवाद।
कोई है: दोस्तों, ये कविता मैंने सन १९९८ में लिखी थी.......
बहुत याद आता है कोई. बहुत याद आता है कोई
कभी हंसाता है ,कभी रुलाता है कोई बहुत याद आता है कोई, बहुत याद आता है कोई
कोई है
जो अंतरात्मा मै बैठा है
कोई है
जो मेरा परमात्मा बन बैठा है
कोई है
जो नहीं हटता, मेरे मस्तिष्क पटल से
कोई है
जो बना चुका है मेरे विचार ,अटल से ......
कोई है
जिसका दर्द, मुझे आह देता है
कोई है
जिसका उल्लास, मुझे राह देता है
कोई है
जिससे मिलकर , तृप्त महसूस करता हूँ मै
कोई है
जिसके बिना, अभिशप्त महसूस करता हूँ मै
कोई है
जो इक्षाएं जगाता है सोई-सोई
बहुत याद आता है कोई, बहुत याद आता है कोई
कभी हंसाता है ,कभी रुलाता है कोई
बहुत याद आता है कोई, बहुत याद आता है कोई
(कवि अशोक कश्यप)
Comments