'भारत मौसम विज्ञानं विभाग' की जनता से अपील :

उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग, क्या कह रहा है मौसम विभाग 
तेरे लिए करता दौड़-भाग, नादानी न कर मत लगा दाग 
उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग, क्या कह रहा है मौसम विभाग 

इसके कर्मी हैं देशभक्त, कर्तव्य निभाते बड़ा सख्त 
न चाहिए इनको ताज-तख़्त, है स्वाभिमान इनका दरख़्त
चौबीसों घंटे चलता काम, नहीं चाह इन्हें कोई दे इनाम
घर पर भी चिंता ये तमाम, बदनाम ना होवे अपना नाम
प्रकृति अनिश्चित अंधकार, यह रोशन करता एक चिराग
उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग, क्या कह रहा है मौसम विभाग 

इसकी बातों पर लगा ध्यान, मिथ्या अभिमान को करले म्यान
मछुआरा है या तू किसान, बस ज़हन में रख मौसम निशान
बुलेटिन हर घंटे आता है, यह फोन पे भी तो बताता है 
खतरे की घंटी बजाता है, तूफ़ान जो तुम्हे सताता है
यह साफ़ भविष्यवाणी करता, नहीं दिखलाता कोई सब्ज़-बाग
उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग क्या कह रहा है मौसम विभाग 

लम्बी उडान पर हो विमान, यह दे देगा मेघों का ज्ञान 
सागर में हो जब शिप महान, लहरों की कराये पहचान 
कोई फसल उगाओ या उपवन, इससे जानो बरखा का मन 
शादी-पार्टी या करो हवन, उस दिन का हाल पूंछो मौसम भवन
हर रोज़ बताता है सबको सूरज ने तपाई कितनी आग
उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग क्या कह रहा है मौसम विभाग 

इसका उद्देश्य बड़ा पावन, चहके-महके हर घर-आँगन
सम्म्रद्धि का बरसे सावन, विकसित हो राष्ट्र आनन्-फानन
हर माँ का लाल रोजगारी, बेटी की नहीं कोई लाचारी
हर भाई में झलके खुद्दारी, हर बहू की सोच गंघारी
जन-जन में एक विश्वास जगे, और ह्रदय से उठे मल्हार राग
उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग, क्या कह रहा है मौसम विभाग 

तेरे लिए करता दौड़-भाग, नादानी न कर मत लगा दाग 
उठ जाग-जाग सुन जाग-जाग, क्या कह रहा है मौसम विभाग 

कवि अशोक कश्यप (09013226272 )

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