दोस्तों, एक फेसबुक फ्रेंड की फरमाइश पर ये '15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस' पर लिखी 'बाल कविता' हाज़िर है.......

पंद्रह अगस्त:

देखो पंद्रह अगस्त है आया 
सारे देश में खुशियाँ लाया 

इस दिन हम आज़ाद हुए 
दुनियां में आबाद हुए 
अब अपनी सरकार है 
हर सपना साकार है 
लेकिन एक कलंक लगा है 
बड़ा विकट आतंक जगा है 
हम सब बच्चों से कहते हैं 
जहाँ लोग मिलकर रहते हैं 
वही देश संसार को भाया

देखो पंद्रह अगस्त है आया 
सारे देश में खुशियाँ लाया
(कवि अशोक कश्यप)

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