दोस्तों, करीब 10-12 वर्ष पहले ये कविता लिखी थी.......आज पहली बार फेसबुक पर पोस्ट कर रहा हूँ......

 फूल:

फूल तू फूल क्यों है, रास्ते की धूल क्यों है

जब कभी शैतान तू था, स्वयं में महान तू था
हर तरह की चाल चलता, दिखाने को हाथ मलता
आज भोला बन गया है, फिर भी जीवन शूल क्यों है 
फूल तू फूल क्यों है, रास्ते की धूल क्यों है

आत्मा में गंद जब था, हर जगह मकरंध तब था
अपने हित का काम करता, दुःख नहीं जो कोई मरता
करते कुछ है चाहते कुछ, लोगों में ये भूल क्यों है
फूल तू फूल क्यों है, रास्ते की धूल क्यों है
(कवि अशोक कश्यप)

 

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