दोहा:

लहरों पर पहरे लगे, करते गहरे घाव
क्या समुद्र का देवता, करेगा कोई बचाव

मेहनत की चक्की पिसा, जब कोई आटा खाय
इस दुनिया में स्वर्ग वो, जीते जी पा जाय 
(कवि अशोक कश्यप)

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