Sunahari Subah

सुनहरी सुबह:

लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है
चिड़िया चहकने लगी है पूरब में लाली है
लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है

नाजुक कलाईयों में शक्ति अजब आई है
धरती की धूल जैसे आसमां पे छाई है
धूल ये बनेगी फूल ऋतु वो आने वाली है

लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है

अजगर सा बैठा है घात लगा रस्ते में
जब तब निगल जाता महंगों को सस्ते में
'समुंद्री सपेरों' ने राह नई निकाली है

लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है

'सोने की चिड़िया' फिर आज विश्व ने देखी
खरबों, तहखाने में नहीं बघारे शेखी 
सैकड़ों तहखाने हैं एक नहीं खाली है

लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है

विश्व ने तिरंगे को इज्ज़त से देखा है
जन गण मन, ताजमहल, गांघी, अनोखा है
तुलसी और कबीर, सूर की छटा निराली है

लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है

टोपी, लंगोटी फिर आज काम आई है
अनशन ने लोकतंत्र भाषा समझाई है
सत्य और अहिंसा को मिली फिर से ताली है

लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली है

चिड़िया चहकने लगी है पूरब में लाली है
लग रहा है सुनहरी सुबह होने वाली 
(कवि अशोक कश्यप)
अशोक कश्यप 



Comments