सफलता


दोस्त ईमान को बनाईये

सफलता जि़न्दगी में पाईये


हवाएं खुश्क हैं ज़माने की

नमी मेहनत की कुछ लाईये


सितमगर का तिलिस्म मोहक है

कहाॅ भागूॅ ज़रा बताईये


हॅसी होठों पर मन व्याकुल है

अजब हालत है कैसे गाईये


 मुसाफिर का धर्म तो चलना है

मंजिलों की दिशा बतलाईये


 गाॅव अब शहर से भी बदतर हैं

नहीं देखे तो देख आईये


 मोम सा दिल बना अब पत्थर है

कोई भी चोट अब लगाईये


 जाल इस जि़न्दगी का भ्रामक है

भटक मत रास्ते में जाईये


मुश्किलों में मुकाम मिलता है

मुश्किलों से नहीं घबराईये


 दोस्त ईमान को बनाईये

सफलता जि़न्दगी में पाई


( ज़िंदगी मुस्कुरायेगी पुस्तक 2021 से)

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