दोस्तों, कल दिनांक 02-10-2012 को गाँधी जयंती और श्री लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर 'दिल्ली का प्रितिबिम्ब' समाचार पत्र  ने एक भव्य कार्यक्रम रखा जिसमें आम जनता को मुफ्त स्वास्थ्य जाँच शिविर लगाया और सांस्कृतिक कार्यक्रम जनता के मनोरंजन के लिए रखे। पत्र के प्रधान संपादक श्री सुमित भोजगी जी ने मुझसे, राष्ट्रपिता महात्मां गाँधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी के लिए गीत लिखने और गाने का आग्रह किया। मैंने भी अपना दायित्व बखूबी निभाया, हजारों लोगों की तालियाँ और जोश इस बात का गवाह था। पत्र के प्रधान संपादक श्री सुमित भोजगी जी ने भी कृतज्ञता के साथ धन्यवाद दिया-------कार्यक्रम से सम्बंधित फोटो और विडियो मिलने पर पोस्ट करूँगा धन्यवाद।

राष्ट्रपिता महात्मां गाँधी (बापू)

बापू------ओ-----बापू--------
तुझे खोया जग रोया
फिर दीप वो जला दे, जो दे हमें उजाले
बापू------ओ-----बापू--------

मुश्किल था देश को जब एक सूत्र में मिलाना
अंग्रेजों को भागना स्वाधीनता दिलाना
जुल्म के आगे सिर ना झुकाना
सत्य,  अहिंसा पाठ पढ़ना, मान गया जग सारा---------
फिर दीप वो जला दे, जो दे हमें उजाले
बापू------ओ-----बापू--------

तूने तो शहर गाँव का विकास साथ चाहा 
मेरे बापू गाँव में तो मातम है छाया
क़र्ज़ के नीचे किसान दबा है
शहर की दुसित आवो-हवा है, ध्यान तेरा तब आया-------
फिर दीप वो जला दे, जो दे हमें उजाले
बापू------ओ-----बापू--------
तुझे खोया जग रोया
फिर दीप वो जला दे, जो दे हमें उजाले
(कवि अशोक कश्यप)

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