प्रतियोगिता न. 11 के लिए 

दशहरा त्यौहार :

देखो-देखो आया दशहरा
बुराई पर अच्छाई का पहरा।

कुम्भकरण और मेघनाथ हैं
दशानन के बीस हाथ हैं
सारे मायावी, बलशाली
किन्तु सोच है बुराई वाली
सीताहरण का घाव है गहरा
देखो-देखो आया दशहरा

राम, लखन ने करी चढ़ाई
हनुमान ने लंका जलाई
जामवन्त, सुग्रीव, विभीषण,
अंगद जैसे दृड़ आभूषण
नल और नील से सागर ठहरा
देखो-देखो आया दशहरा

युद्ध हो रहा घमासान अब
काँपे धरती, आसमान सब
रावण मर जीवित हो जाता ?
असमंजस में दोनों भ्राता
भेद विभीषण का फिर लहरा
देखो-देखो आया दशहरा

राम ने अग्नि बाण चलाया
नाभि के अमृत को जलाया
रावण मरा बुराई मर गई
श्रीराम को सीता मिल गई
आज का दिन है बड़ा सुनहरा
देखो-देखो आया दशहरा

बुराई पर अच्छाई का पहरा
देखो-देखो आया दशहरा
(कवि अशोक कुमार)

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