दोस्तों, पीछे काफी दिनों तक दिल्ली के ऊपर एक धुंध सी छाई रही थी। वैज्ञानिकों ने बताया की ये हरियाणा, पंजाब और उ0प्र0 के किसानों द्वारा खेतों में पुआल जलाने के कारण है ..........दिनांक 01-12-2012 को मेरी एक बाल-कविता 'प्रदूषण' 'महामेधा' समाचार-पत्र  में छपी है। ये एक राष्ट्रीय समाचार-पत्र है, जो प्रतिदिन सभी हिंदी भाषी राज्यों से प्रकाशित होता है ............धन्यवाद

हम दिल्ली में रहते हैं
बड़े शौक से कहते हैं
पर यह याद जो आता है
प्रदूषण हमें सताता है
मन में ख्याल ये आते हैं
प्रदूषण हम फैलाते हैं

अब प्रदूषण भी बने अनेक
नाम गिनाऊं एक-एक
वायु प्रदूषण सबका दादा
हमें सताता सबसे ज्यादा
उसके बाद है जल-प्रदूषण
ज्यों रावण का भाई खर-दूषण

ध्वनि प्रदूषण भी अब आगे
हम सब अभी नहीं जो जागे
बहरे हो जायेंगे भैया
बाप कहोगे, सुनेंगे मैया
नया प्रदूषण संस्कृति का
बुरा हाल है किशोर वृति का .......
(कवि अशोक कश्यप)

 

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