दोस्तों, आज दिनांक 14.03.2012 को दिल्ली, उ.प्र. तथा हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्र 'महामेधा' में मेरी कविता 'शान्ति' प्रकाशित हुई है..........धन्यवाद

शांति: 

जिंदगी में शांति, क्यों मिले कैसे मिले
सोचता हर आदमी है, फिर भी चलता ही चले
जिंदगी में शांति.......

शांति मिल जाये अगर उसको किसी काम से
फिर कोई ख्वाहिश न रहेगी उसे भगवान से
हाथ पर अब हाथ रखकर शांति से जी रहा
मौज मस्ती में रमा है, खा रहा और पी रहा

किन्तु

भिन्न-भिन्न रसों और रंगों का संसार है
दूसरा रंग देखकर अब उसको बेक़रार है
भागता अब उसके पीछे यह सब वो सोचकर
इसको पालूं एक बार लूटकर, खसोटकर
इसी लिए उसको हैं संसार से बहुत गिले

जिंदगी में शांति, क्यों मिले कैसे मिले
सोचता हर आदमी है, फिर भी चलता ही चले
ज़िन्दगी में शांति .............
(कवि अशोक कश्यप)

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