दोस्तों, मैंने एक जगह पढ़ा कि अमिताभ बच्चन जी, ब्लॉग लिखते है और अपने चाहने वालों के सवालों का जवाब भी देते हैं। मैंने ये भी पढ़ा कि बच्चन साहब अपने लिए लिखे उन सभी पत्रों के जवाब भी पिछले ४0  वर्ष से देते रहे है। जो उनके चाहने वाले उन्हें लिखते हैं ........ ऐसा ही शाहरुख़ खान जी भी करते हैं। ऐसा हो सकता है कि इन बड़े सितारों ने अपने कुछ कर्मचारी इस काम पर लगा रखे हों ? मगर ये पढ़कर मुझे अपने उन कवि भाइयों की याद आई। जो अपनी पोस्ट / कविता पर आये कॉमेंट्स को लाइक भी नहीं करते। धन्यवाद की बात तो दूर है। इतना घमंड है मेरे इन कवि भाइयों में। मुझे इनकी सोच पर तरस भी आता है कि दो-चार अच्छी बातें ये इधर-उधर से जोड़-तोड़ करके लिख देते हैं और अपने आपको बहुत बड़ा विद्वान मानकर बैठ जाते हैं। मैं कहता हूँ कि ऐसे लोगों की पोस्ट को नकार देना चाहिए ................वैसे कुछ कवि भाई वास्तव में बहुत अच्छा लिखते हैं मगर वो अपने चाहने वालों को भी पूरी तवाजो देते हैं। इसके वितरीत कुछ कवि वास्तव में इतनी ऊंचाई पा चुके हैं कि उन्हें धन्यवाद या लाइक करने में, वाकई छोटापन महसूस होता होगा। मैं समझ सकता हूँ। मगर उनका क्या जो एक-दो कविता / चुटकुले सुनकर-सुनाकर महान बन गये….? ..........मुझे एक बचपन में सुनी हुई पंक्ति याद आई ...............आम फ़लै नीचे झुके, अंड फ़लै बौराय ..........
(कवि अशोक कश्यप)

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