पेड़ अपने नीचे किसी भी अन्य पौधे को पनपने नहीं देता। वह तो अपने आस पास भी अन्य पौधे को बर्दास्त नहीं करता, यहाँ तक की वह अपने फूल, पत्तियों और बीजों को भी अपने भोजन में शामिल कर लेता है।
इसके विपरीत झाड़ियाँ अपने नज़दीक, अपनी और अन्य प्रजातियों के पेड़ - पौधों को फलने - फूलने का पूरा मौका देती हैं। कहा जाता है कि संजीवनी भी एक झाड़ी ही थी। मनुष्यों में भी कुछ पेड़ और झाड़ियाँ हैं।
(कवि अशोक कश्यप)

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