गीत:

मधुर-मधुर मीठी सी चाशनी सी ज़िंदगी
मदिर-मदिर धीमी सी रोशनी सी ज़िंदगी 

गाँव के अँधेरे में, जुगनुओं के फेरे में    2
झिलमिलाती खिलखिलाती जागती सी ज़िंदगी 

मधुर-मधुर मीठी सी चाशनी सी ज़िंदगी
मदिर-मदिर धीमी सी रोशनी सी ज़िंदगी,
(कवि अशोक कश्यप)

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